जब से आया हूँ तेरे जहां में, सिर्फ आंसू ही मैं पी रहा हूँ । जब से आया हूँ तेरे जहां में, सिर्फ आंसू ही मैं पी रहा हूँ ।
सूरज की रौशनी में भी अब तो अंधेरा सा नजर आता है सूरज की रौशनी में भी अब तो अंधेरा सा नजर आता है
पहाड़ो के बीचों बीच इन सड़कों का सफर लम्बी दूरियों को कभी वो यूँ ही नापते हुए। पहाड़ो के बीचों बीच इन सड़कों का सफर लम्बी दूरियों को कभी वो यूँ ही नापते...
फ़िर से मिले हो तुम, अंजान राहों में, इस बार ये राहें, अधूरी नहीं रखना। फ़िर से मिले हो तुम, अंजान राहों में, इस बार ये राहें, अधूरी नहीं रखना।
कल होगा सुख ज्यादा कल होगा सुख ज्यादा
शुरू करें अनजान सफर शुरू करें अनजान सफर